हम सभी की लाइफ काफी वयस्त और समस्याओं से भरी है। देर रात तक जागना, लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहना, फिजिकल वर्क न करना यह हमारी आदतों में शामिल हो गया है। इन सभी कारणों से हमें अनिद्रा जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड में 1.6 करोड़ युवा, भारत में 33 प्रतिशत और अमेरिका में लगभग हर चार में से एक व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हैं।
आपको बता दें कि नेशनल स्लीप फाउंडेशन के अनुसार क्रॉनिक इंसोमेनिया को बाधित नींद के रूप में जाना जाता है जो प्रति हफ्ते कम
यही समस्या आगे चलकर डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। डिप्रेशन कई प्रकार की भावनात्मक और शारीरिक समस्यओं को जन्म दे सकता है जिससे व्यक्ति की कार्य क्षमता में काफी प्रभाव पड़ता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसका इलाज कई तरह की चिकित्सा और दवाओं से किया जा सकता है।
गंभीर और पुरानी अनिद्रा से पीडित लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। इसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है कि व्यक्ति प्रतिदिन 7-8 घंटे से कम समय के लिए नींद लेना उसके कार्य करने की क्षमता और शारीरिक बीमारियों का कारण बनता है। वैसे तो यह समस्या अधिक गंभीर नहीं है लेकिन पर्याप्त नींद न लेने के कारण डिप्रेशन अधिक बढ़ जाता है।
इसके लिए रोगी को समयरहते इलाज का सहारा लेना चाहिए। डिप्रेशन को दूर करने के लिए आचरण थैरेपी, दवा, नींद के लिए व्यायाम, नींद आराम थैरेपी और मेडिटेशन को अपना सकते हैं। आप इनमें से किसी भी कारगर तरीके को अपना सकते हैं।