ज्ञान, कला और संगीत की देवी मां सरस्वती से शुभ आशीष प्राप्त करने का दिन है वसंत पंचमी। इस दिन मां सरस्वती की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से जहां बुद्धि का विकास होता है, जिससे भाग्य के दरवाजे अपने-आप खुल जाते हैं। बुद्धि प्राप्त होते ही व्यक्ति के लिए हर असंभव कार्य करना संभव हो जाता है। यदि आप भी अपने जीवन में असंभव को संभव करना चाहते हैं तो इस सरल विधि और मंत्रों से करें मां सरस्वती का आह्वान।
शुभ मुहूर्त
वसंत पंचमी 2020 पर सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग बन रहा है। परिणय सूत्र में
पूजा की सरल विधि
प्रात:काल सभी दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद मां भगवती सरस्वती की आराधना का प्रण लेना चाहिए। स्नान के बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करें। स्कंद पुराण के अनुसार सफेद पुष्प, चंदन, श्वेत वस्त्र आदि से देवी सरस्वति जी की पूना करनी चाहिए। सरस्वती जी का पूजन करते समय सबसे पहले उनका स्नान कराना चाहिए इसके बाद माता को सिंदूर व अन्य श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं। इसके बाद फूल व माला चढ़ाएं।
यदि आप संगीत के क्षेत्र में हैं तो वाद्य यंत्रों की पूजा करें और अध्ययनरत हैं तो समस्त विद्या सामग्री जैसे कलम, किताब, नोटबुक आदि का पूजन करें। मोर पंख का बहुत महत्व है, इसे मां सरस्वती पर चढ़ाएं। वसंती खीर या केशरिया भात का भोग लगाएं। पूजा के समय केशरिया, पीले या वसंती या सफेद रंग के कपड़े पहनें।
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती के इन 11 नामों का करें 11 बार जाप
जय मां शारदा, जय मां सरस्वती, जय मां भारती, जय मां वीणावादिनी, जय मां बुद्धिदायिनी, जय मां हंससुवाहिनी, जय मां वागीश्वरी, जय मां कौमुदीप्रयुक्ता, जय मां जगत ख्यात्वा, जय मां नमो चंद्रकांता और जय मां भुवनेश्वरी।