हिंदू धर्म में देव कृपा पाने के लिए जातक यंत्र-मंत्र और तंत्र की मदद लेते हैं। किसी देव को प्रसन्न करने के लिए यंत्र-मंत्र और तंत्र तीनों ही प्रभावशाली मार्ग है। आज हम आपको मां दुर्गा के शक्तिशाली यंत्र श्री दुर्गा बीसा यंत्र के विषय में जानकारी दे रहे हैं। यंत्र एक विशेषरूप से अंकित की गई रेखाओं का समूह होता है, जिसमें बीज मंत्रों या विशेष अंकों का एक स्थान दिया जाता है। शास्त्रों के अनुसार मंत्र देव या देवी की आत्मा होते हैं तो यंत्र शरीर के रूप में कार्यान्वित होता है। कोई भी यंत्र तभी प्रभावशाली सिद्ध
मां दुर्गा बीसा यंत्र:
मां दुर्गा के इस यंत्र को चमत्कारी माना गया है। मां दुर्गा के यंत्रों में दुर्गा बीसा यंत्र सबसे प्रभावशाली यंत्र है। आकस्मिक दुर्घटना से स्वयं की रक्षा के लिए, धन की हानि से बचने के लिए, घर में सुख-शांति के लिए दुर्गा बीसा यंत्र प्रभावी माना गया है।
दुर्गा बीसा यंत्र बनाने की विधि:
इस यंत्र को भोजपत्र पर बनाया जाता है। अष्टगंधा की स्याही का प्रयोग इस यंत्र को बनाते समय करना चाहिए। अनार के पेड़ की डाली द्वारा कलम बनाएं। श्री दुर्गा बीसा यंत्र को रवि-पुष्य, रवि-हस्त, गुरू-पुष्य, नवरात्रि, धनतेरस, दीपावली या सूर्य-चंद्र ग्रहण के दिन बनाना चाहिए। चित्र के अनुसार यंत्र की आकृति को देखकर आप इस यंत्र को बना सकते हैं।
दुर्गा बीसा यंत्र के लाभ:
जो लोग मांग दुर्गा के इस चमत्कारी यंत्र को घर में स्थापित कर विधिवत पूजन करते हैं वे हर तरह से सुख से परिपूर्ण होता है। श्री दुर्गा बीसा यंत्र को वाहन में स्थापित करने से वाहन दुर्घटनाग्रस्त नहीं होता। इसे घर में स्थापित करने से गृह क्लेश दूर होते हैं। विद्यार्थी अपनी स्टडी टेबल पर इसे रखते हैं तो परीक्षा में सफल होते हैं, पढ़ाई में मन लगता है। घर में धन की वृद्धि होती है।
दुर्गा बीसा यंत्र को सिद्ध करने की विधि:
किसी भी यंत्र को स्थापित करने से पहले उसका विधिवत पूजन करना जरूरी है। बिना पूजन व मंत्र द्वारा अभिमंत्रित किए यंत्र शक्तिहीन रहता है। यंत्र में देव कृपा तभी समाहित होती है, जब इसका विधिवत पूजन किया जाता है व मंत्र द्वारा अभिमंत्रित किया जाता है। सबसे पहले एक चौकी की स्थापना करें। चौकी को फूलों से सजाएं और यंत्र को इस पर स्थापित कर दें। एक तेल का दीपक जलाएं। अब इस यंत्र पर चार बार थोड़े-थोड़ जल से छीटें लगाएं। यंत्र को दूध, दही, घी, शक्कर, शहद से स्नान कराएं, फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं। अब कुमकुम से तिलक कर यंत्र पर थोड़े चावल अर्पित करें व मिठाई का भोग लगाएं। हाथ में जल लेकर संकल्प लें और मां दुर्गा के इस मंत्र के लगातार 5000 जप करें। मंत्र है- ओम दुं दुं दुं दुर्गाये नम:।
अब अगले दिन हवन का आयोजन करें और हवन में मां दुर्गा के इस यंत्र की अधिक से अधिक आहुतियां दें। अंत में दुर्गा बीसा यंत्र को हवनकुंड के ऊपर से 21 बार वार लें। अब यह यंत्र सिद्ध हो गया है। इसे पूजन स्थल पर लाल कपड़ा बिछाकर स्थापित करें। प्रतिदिन पूजा के समय मां दुर्गा का ध्यान करते हुए मां दुर्गा के उपरोक्त मंत्र के कुछ जप जरूर करें।