पिछले कुछ समय से हम सभी घरों में तनाव और अशांति महसूस कर रहे हैं। कई लोगों के लिए महामारी तनाव का कारण बनी, वहीं कुछ लोग उपकरणों से निकलने वाले रसायनिक किरणों से परेशान थे। आधुनिकता के दौर में घर में बिजली और इलेक्ट्रोनिक उपकरणों का प्रयोग बढ़ गया है। लैपटॉप, मोबाइल, कम्प्यूटर के अलावा फ्रिज, टीवी, रेडियो, टेलिफोन जैसे तमाम उपकरण घर में मौजूद रहते हैं। इन सभी उपकरणों का प्रयोग सुविधा अवश्य बढ़ाता है लेकिन घर में इनका बेतरतीब फैला होना और आवश्यकता से अधिक संख्या में होना कलह को बढ़ावा देता है।
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कई बार हम घरों में ऐसे सामन एकत्रित कर लेते हैं, जिनकी हमें कभी आवश्यकता नहीं होती। घर में पुराने मोबाइल, चार्जर, केबल और अन्य अनुपयोगी उपकरण इकट्ठा न होने पाएं। इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है। इससे परिवार के लोग तनावग्रस्त होने लगते हैं। घर में आवश्यक उपकरण ही रखें। उचित जगह पर पूरी व्यवस्था के साथ रखें। उन उपकरणों को ढंककर रखना ज्यादा बेहतर है।
इसी के साथ घर में दवाईयों को खुले में न रखें। सभी दवाईयों को एकत्रित करके बॉक्स या कबर्ड में रखें। जिस प्रकार महत्वपूर्ण कागजों की फाइलिंग की जाती है उसी प्रकार दवाईयों की संख्या अधिक होने पर उन्हें सभी ढंग से रखें। आपको बता दें कि खुले या टेबल पर पड़ी दवाइयां रोग को दूर करने से कहीं अधिक रोग को दावत देती हैं। दवाईयों को उनकी आवश्यकता से अधिक स्टोर नहीं करना चाहिए। दवाईयों में कई तरह के रसायन होते हैं, जो एक्सपायरी होने के बाद विषैले हो जाते हैं। आपको बता दें कि राहु-केतु के रसायनों के प्रतिनिधि हैं। दवाईयों या अन्य रसायनिक पदार्थों को खुले में रखना राहु-केतु के प्रभाव को बढ़ाता है। इससे घर में रोगों के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।