पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार महाशिवरात्रि पर महासिद्धयोग बन रहा है। पंडितों के अनुसार, ऐसा योग 117 साल बाद बना है। ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। प्रात: काल की पूजा के बाद महाशिवरात्रि के दिन रात को एक छोटा सा काम करने से शिवलोक की प्राप्ति होती है।
रात्रि जागरण करने से होगा फायदा
शास्त्रों में महाशिवरात्रि के लिए एक श्लोक बहुत ही प्रसिद्ध है, त्रयोदस्य स्तगे सूर्ये चत तृष्ठेव नादिसो, भूतविद्धा सूयातत्र शिवरात्रि वसंचरेत। इसके अलावा लिंग पुराण
इस विधि से पूजा करने पर रोग होंगे दूर
ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन देवों के देव महादेव को कुश और जल चढ़ाने से रोग से छुटकारा मिलता है। जिन लोगों को लंबे समय से व्यवसाय, नौकरी या किसी भी तरह की आर्थिक परेशानी है, उन्हें महाशिवरात्रि के दिन शंकर जी पर घी चए़ाने से लाभ प्राप्त होता है। साथ ही चीनी चढ़ाने से बुद्धि की प्राप्ति होती है।
शिवजी की आरती
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे।
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें।
तीनों रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥ ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी।
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें।
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगें॥ ॐ जय शिव ओंकारा
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता।
जगकर्ता, जगभर्ता, जगससंहारकर्ता॥ ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी।
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें॥ ॐ जय शिव ओंकारा
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा