वैदिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष का संबंध भगवान शिव से है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से भगवान शिव की कृपा होती है। खास बात है कि इस दिन शनिवार होने के कारण भगवान शिव के साथ शनि देव की भी पूजा की जाएगी। इस पूजा से शनि देव प्रसन्न होते हैं और अपनी अशुभता को कम करेंगे। आपको बता दें कि 21 मार्च को शनि प्रदोष व्रत है।
जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती शनि ढैय्या चल रही है उन्हें शनि प्रदोष के दिन शनि की और भगवान शिव की पूजा पूरे विधि विधान से करनीचाहिए। इस दिन
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद पूजा आरंभ करनी चाहिए। व्रतके दौरान स्वच्छता रखें। मन में अच्छे विचार लाएं। ईर्ष्या और दोष से दूर रहें। भगवान का ध्यान करें और विधि पूर्वक व्रत को पूरा करें। पूजा स्थल पर उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। शनिवार के दिन मंदिर जाकर सरसों के तेल का दान करें। दान करने से कई तरह की समस्याएं दूर होंगी।